योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर किया हमला कहा, दलितों और वंचितों के सबसे बड़े विरोधी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने ‘एसपी-बीएसपी-कांग्रेस’ का नाम कहते हुए मंगलवार को यह आरोप लगाया है कि तीनों ही दल दलितों और वंचितों के सबसे बड़ें विरोधी रहें हैं. योगी ने विधानसभा के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण की अवधि को 10 साल बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा का जवाब दिया, योगी ने पलटवार करते हुए कहा है कि एसपी-बीएसपी कांग्रेस दलितों और वंचितों के सबसे बड़े विरोधी रहे है.

इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने दलितों और वंचितों को वोटबैंक नहीं बनाया, बल्कि शासन की योजनाएं सब तक पहुंचाईं. जिसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमने नारों को हकीकत में बदलने का काम किया है. केंद्र में 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो उसने किसी व्यक्ति, जाति, मत, मजहब या क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए कार्य किया.

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हमारी सरकार दलितों, वंचितों, आदिवासियों, पिछड़ों, वनवासियों और महिलाओं सहित हर तबके के लिए काम करेगी.’ यह भी कहा कि तीन करोड़ परिवारों के पास अपना घर नहीं था, सरकार ने दो करोड़ परिवारों को रहने के लिए घर दिया. दस करोड़ परिवारों के पास शौचालय नहीं था, स्वच्छ भारत मिशन के तहत सबको शौचालय दिए गए.

तीन करोड़ परिवारों के पास बिजली कनेक्शन नहीं था, उन्हें सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिया गया. आठ करोड़ परिवारों के पास ईंधन का साधन नहीं था, उन्हें उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन दिया गया.

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एसपी-बीएसपी पर तंज कसते हुए योगी ने सवाल भी किए है. कि आंबेडकर और कांशीराम के नाम पर बने स्मारकों और स्थलों का नाम किसने बदला? बता दें कि इससे पहले भी बैठक शुरू होने पर सदन ने प्रख्यात समाजवादी नेता राज नारायण को श्रद्धांजलि दी और कुछ मिनट का मौन रखा.