क्रिकेट के मैदान पर अब नहीं दिखेगा युवराज सिंह का जादू

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2019 का क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है। इसी बीच एक खबर आयी है कि 2011 वर्ल्ड कप की जीत में अहम् भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह ने आज सन्यास की घोषणा की। युवराज सिंह ने एक कार्यक्रम के तहत की। इसमें उन्होंने एक शार्ट फिल्म चलायी, जो उनके बारे में थी, इसकी समाप्ति के बाद उन्होंने कहा कि अब अलविदा कहने का समय आ गया है। गौरतलब है कि युवराज ने आशा लगायी थी कि वह 2019 का क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलेंगे। लेकिन टीम में जगह न बना पाने के कारण उन्होंने इस फैसले की घोषणा की। इससे पहले भी उन्होंने संकेत दिया था कि वह इसके बारे में जल्द घोषणा कर सकते हैं।

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युवराज का करियर उतार चढाव भरा रहा है। युवराज ने पहला वनडे मैच 3 अक्टूबर 2003 में केन्या के खिलाफ खेला था। उन्होंने पहला टेस्ट मैच अक्टूबर 2003 न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। वहीं पहला अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच सितंबर 2007 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला।

युवराज ने वनडे क्रिकेट में 304 मैच खेले और 8701 रन बनाए। युवराज ने 14 शतक, 52 अर्धशतक लगाए। उनकी बेस्ट पारी 150 रन की थी। उन्होंने 40 टेस्ट मैच में 1900 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 3 शतक और 11 अर्धशतक लगाए। टेस्ट में उनकी बेस्ट पारी 169 रन की है। इसके अलावा युवराज ने 58 टी20 मैच खेले, जिसमें 1177 रन बनाए। इस फॉर्मेट में 8 अर्धशतक लगाए। इसमें उनकी बेस्ट पारी 77 रन की है।

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सन्यास की घोषणा करते हुए एक कार्यक्रम युवराज ने अपने एक बयान में कहा, ‘मैं भाग्यशाली रहा कि मैंने भारत की तरफ से 400 मैच खेले। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था। इस खेल के साथ एक तरह से प्रेम और नफरत जैसा रिश्ता रहा। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि वास्तव में यह मेरे लिए कितना मायने रखता है। इस खेल ने मुझे लड़ना सिखाया। मैंने जितनी सफलताएं अर्जित की उससे अधिक बार मुझे नाकामी मिली पर मैंने कभी हार नहीं मानी।”

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ज्ञात हो कि 2011 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद युवराज को कैंसर की बीमारी हो गयी थी। बाद में उन्होंने इसका इलाज कराया। इलाज़ कराने के बाद युवराज ने भारतीय टीम में वापसी की। युवराज ने कटक में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए आखिरी बार शतक लगाया था।युवराज के नाम एक ओवर छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड है।